रावी न्यज चंडीगढ़
महंगाई को लेकर चंडीगढ़ में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस नेता एक दूसरे के साथ उलझे हुए नजर आये। हुआ कुछ यूं कि नवजोत सिद्धू ने अपने संबोधन में कह डाला कि मैं उन लोगों का नाम नहीं लेंगे जिन्होंने लूटमार की। असल में सिद्धू अपनी ही पार्टी के नेताओं को घेरने के चक्कर में थे, वह पहले कैप्टन और फिर चन्नी पर बातों ही बातो में तंज कसते नजर आये।पंजाब में हुई हार के लिए चन्नी को जिम्मेवार ठहराते दिखे। धरने में जैसे ही सिद्धू ने लूटमार की बात की तो यूथ कांग्रेस के प्रदेश प्रधान बरिंदर ढिल्लों की नवजोत सिद्धू के साथ तलखबाजी हो गई। जल्दबाजी में धरना खत्म कर दिया गया।
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि ईमानदार बंदे को आगे आना चाहिए। भाषण देने से कुछ नहीं होगा। कार्यकर्ता की बांह पकड़नी होगी। सिद्धू ईमानदार आदमी के साथ खड़ा होगा बेईमान के साथ नहीं। उन्होंने कहा कि मुझे गाली निकालो, लेकिन अपना जुलूस क्यों निकाल रहे हो। वो किसी का नाम नहीं लेंगे। इतने में बरिंदर ढिल्लों ने कहा कि उन्हें नाम लेना चाहिए और मामला भड़क गया।
मामले को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि जिन नेताओं का कोई आधार नहीं है वह पार्टी का बेड़ागर्क कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन नेताओं को शर्म आनी चाहिए। कांग्रेस की इतनी बड़ी हार के बावजूद इन्हें समझ नहीं आयी। कांग्रेस का धरना अनुशासनहीनता के कारण फेल हुआ है। सुखजिंदर रंधावा ने कहा कुछ नेताओं ने कांग्रेस का तमाशा बना डाला है।